Kailash mali
Joined 25 Saptambar 2017
मेरे देश / नाज़िम हिक़मत
नाज़िम हिक़मत » चन्द्रबली सिंह
तुम कोई खेत हो और मैं ट्रैक्टर हूँ, मानो तुम काग़ज़ हो, और मैं छापने का यन्त्र हूँ, तुम मेरी पत्नी हो, मेरे पुत्र की जननी, तुम कोई गीत हो, और मैं गिटार हूँ, मैं एक भीगी, उमस भरी, आँधी की शाम हूँ और तुम बन्दरगाह के तट पर घूमती नारी हो दूसरी ओर रोशनी को देखती हुई।
मैं जैसे पानी हूँ और तुम मुझे पीने वाले हो। मैं रास्ते में चला जाता हूँ और तुम खिड़की खोलकर मेरी ओर हाथ हिलाते हो। तुम जैसे चीन हो और मैं माओ की सेना का सिपाही हूँ। तुम फ़िलीपीन की चौदह बरस की कुमारी हो और मैं तुम्हें मुक्त करता हूँ अमरीका के नौसैनिक के हाथों से। तुम अनातोलिया में किसी पहाड़ की चोटी पर बसे हुए कोई गाँव तुम मेरे सुन्दरतम, भव्यतम नगर हो तुम सहायता की पुकार हो, तुम मेरे देश हो और तुम्हारी ओर दौड़ते हुए चरण मेरे है.